प्यार के बदले प्यार ही मिले
ये कोई जरूरी थोड़ी ना है
दो दिलो का मामला है ये
कोई मजबुरी थोड़ी ना है

Poetry, Shayari and Gazals
प्यार के बदले प्यार ही मिले
ये कोई जरूरी थोड़ी ना है
दो दिलो का मामला है ये
कोई मजबुरी थोड़ी ना है
हाथों से अपने यूं
जुल्फे संवारी है
दिल में बसी कोई सुरत
कागज पर जैसे उतारी है
उसकी आने की भनक से ही
हवाये महक उठा करती थी
पास से उसके गुजरते ही
शायरीया सुनाया करती थी
रगों में दौडता है तेरे रंग का लहू
सांसों में बसी है तेरी मिट्टी कि खुशबू
करू कुछ ऐसा की मैं भी बनु गुरूर तेरा
यहीं रहती है मेरे इस दिल की आरजू
तुमनें मिलने आने का
कुछ इक वक्त दिया था
तबसे समय मानो
थम सा ही गया है
जलती धरती मन मेरा
तु बारीश की बुंदो सा
तुझसे हि इक आस मुझे
बरसे जो तु मन की दाह बुझे
जाने दो ना भुल जाओ
कुछ खट्टीसी यादो को
इन मीठे अरसो का तुम्हे
अब हर लम्हा जीना है
इतनी शिद्दत अता हो मौला
खामोशी मे इकरार हो जाये
मिलने का बस ख्याल आये
और उसका दिदार हो जाये
वो इक बार ही
मुस्कराकर कें
छीन ले गये हंसी
सदा के लिए
अरसो से मांगी दुआ जैसे
आने से तेरे मुकम्मल हुई
तेरी इक मुस्कान पर ऐ हमनवा
कभी नज़्म तो कभी गझल हुई