कहीं कोई ख्वाबो में
हकीकत मिलाये बैठा है
कही कोई यादों में
ख़ुद को भुलाये बैठा हैं

Poetry, Shayari and Gazals
कहीं कोई ख्वाबो में
हकीकत मिलाये बैठा है
कही कोई यादों में
ख़ुद को भुलाये बैठा हैं
शिद्दत न हो दुआओ में
तो दुआये कहां असर करती हैं
कोई अपनासा ही ना लगे तो
उनकी यादें कहां बसर करती हैं
तुम्हारी बद्दुआ भी
दुआ का असर करती हैं
जहर भी पी जाऊं तो
दवा का असर करतीं हैं
आंधियों में बिखरना
कोई बिखरना हुआ
तुम बिखरे हवा के झोंके से
ये भी क्या बात हुई
दिये सा जलकर किसीने
गुजार दी जिंदगी गुमनामी में
कोई जुगनू सा उजाला करके
खुब मशहूर हुआ
तुम भंवरा गर बनो तो
कली खिलकर मिलु
तुम साहिल बनो तो मैं
लहर बनकर मिलु
इस सफर में साथ चलों
कि ये मंज़र बदल जायेंगे
थोड़ा सा गर जान लो तो
शायद हमसफर बन जायेंगे
आज़ाद तो है पंछी
फिर उसे आशियाने कि आस क्यो है
दूर ही तो हो कहीं तुम
फिर पास होने का ये एहसास क्यो है
यूं ही नहीं टकराते
है मुसाफीर राहों में
तेरा मुझसे जरूर कोई
राब्ता सा लगता है
तेरे दर्द का मेरे दर्द से
कोई वास्ता तो नहीं ना
अजनबी और दूर से सही
चले इक ही रास्ता तो नहीं ना