मंजिलों के रास्तों पर फूल बिछाए तो नहीं
कांटों पर भी कभी चलना पड़ेगा
कभी सूरज सा जलना पड़ेगा
कभी दिये सा जलना पड़ेगा

Poetry, Shayari and Gazals
मंजिलों के रास्तों पर फूल बिछाए तो नहीं
कांटों पर भी कभी चलना पड़ेगा
कभी सूरज सा जलना पड़ेगा
कभी दिये सा जलना पड़ेगा