
जिन्दगी कुछ कम दे तो कम ही सही
ज्यादा गर ख़ुशी ना दे तो ग़म ही सही
वक्त कहां किसका गुलाम बन बैठा है
कल भी था किसी पर आज हम ही सही
कल खूब हंस लिए थे हम जी खोलकर
आज हो ये आंखे नम तो नम ही सही
किन-किन जख्मों को लगाया जाए मरहम
ना मिले मरहम तो अब बेमरहम ही सही
दौड़कर लगती है थकान भी कभी पर
रुकेंगे नहीं चलेंगे इक इक कदम ही सही
यही दौर के अफसाने सुनने आयेंगे वो
आज भले लड़ रहे हो अकेले सिर्फ हम ही सही
ये मुकद्दर कोई पत्थर की लकीर तो नहीं
नहीं बदलेगा इस मौसम तो अगले मौसम ही सही
-Rarebiologist Quotes
वाह वाह क़ाबिल-ए-तारीफ़👏
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बहुत धन्यवाद जी
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