रगों में दौडता है तेरे रंग का लहू
सांसों में बसी है तेरी मिट्टी कि खुशबू
करू कुछ ऐसा की मैं भी बनु गुरूर तेरा
यहीं रहती है मेरे इस दिल की आरजू

Poetry, Shayari and Gazals
रगों में दौडता है तेरे रंग का लहू
सांसों में बसी है तेरी मिट्टी कि खुशबू
करू कुछ ऐसा की मैं भी बनु गुरूर तेरा
यहीं रहती है मेरे इस दिल की आरजू