इक जान की किमत इतनी सस्ती नहीं होती
संघर्ष न हो यहा ऐसी कोई हस्ती नहीं होती
हजारो लहरे तुफान आते है रोज समंदर में
डर से साहिल कि आस छोड दे वो कश्ती नहीं होती

Poetry, Shayari and Gazals
इक जान की किमत इतनी सस्ती नहीं होती
संघर्ष न हो यहा ऐसी कोई हस्ती नहीं होती
हजारो लहरे तुफान आते है रोज समंदर में
डर से साहिल कि आस छोड दे वो कश्ती नहीं होती
nice lines
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Thank you
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welcome
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