अब ऐतबार का वो ज़माना ना रहा
किसी के प्यार को आजमाना ना रहा
बिताई जाती थी जिंदगानिया कभी यादों पर
प्यार में जां निसार का कोई अफसाना ना रहा

Poetry, Shayari and Gazals
अब ऐतबार का वो ज़माना ना रहा
किसी के प्यार को आजमाना ना रहा
बिताई जाती थी जिंदगानिया कभी यादों पर
प्यार में जां निसार का कोई अफसाना ना रहा