अरसो से सजाये थे छोटेसे दिल में
जमाने सें अनकहे अधुरे कई अरमान
झोपड़ी मेरी जलकर खाक हो गई
बची यादें पुरानी और कुछ सामान

Poetry, Shayari and Gazals
अरसो से सजाये थे छोटेसे दिल में
जमाने सें अनकहे अधुरे कई अरमान
झोपड़ी मेरी जलकर खाक हो गई
बची यादें पुरानी और कुछ सामान